
कानपुर:
प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक शहर कानपुर में इन दिनों बिजली कटौती जनता के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन गई है। गर्मी की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि महानगरों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर नज़र आ रही है।
बिजली परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर की दो बड़ी विद्युत परियोजनाओं का लोकार्पण किया था, जिससे लोगों को उम्मीद थी कि अब बिजली संकट से राहत मिलेगी। हालांकि, केस्को (KESCO) की व्यवस्था ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

सपा विधायकों ने केस्को को घेरा
समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेई और मोहम्मद हसन रूमी ने केस्को के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारी केवल कागज़ों में काम कर रहे हैं, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है।
उन्होंने केस्को अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए शहर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुधारने की मांग की।
हेल्पडेस्क सिर्फ नाम का, जनता हो रही परेशान
इस दौरान विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा,
“केस्को अधिकारी हेल्प डेस्क और सुविधाओं की बातें करते हैं, लेकिन असल में कोई काम नहीं होता। बिजली की शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं होती, जिससे जनता को रोज़ाना कठिनाई का सामना करना पड़ता है।”
जनता में बढ़ रहा आक्रोश
लगातार बिजली कटौती के कारण न केवल घरेलू उपभोक्ता बल्कि छोटे व्यापारी और छात्र भी प्रभावित हो रहे हैं। रात में बिजली गुल रहने से नींद पूरी नहीं हो पाती, वहीं दिन में कामकाज बाधित होता है। सपा विधायकों ने चेतावनी दी कि यदि केस्को ने जल्द समाधान नहीं किया तो आंदोलन किया जाएगा।