जिलाधिकारी ने सीएमओ कार्यालय का किया औचक निरीक्षण, अनुपस्थित अधिकारियों पर कार्रवाई

रिपोर्ट – आरिफ मोहम्मद
कानपुर: जनपद में शासन की मंशा के अनुरूप कार्यों की प्रगति सुनिश्चित कराने के लिए जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह लगातार विभागीय व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय का औचक निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान न केवल सीएमओ हरिदत्त नेमी, बल्कि कई अन्य विभागीय अधिकारी अनुपस्थित मिले। इस पर जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी जताते हुए सभी संबंधित अधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश जारी किए।
सरकारी कार्यशैली पर सख्ती, स्वास्थ्य विभाग भी घेरे में
यह निरीक्षण उस समय हुआ जब विभिन्न विभागों में लापरवाही के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। पहले भी जिलाधिकारी ने शिक्षा, नगर निगम, जल निगम, रेलवे और राजस्व विभागों में निरीक्षण के दौरान कई खामियों को उजागर किया है।

स्वास्थ्य विभाग को लेकर विशेष चिंता तब सामने आई, जब सीएमओ कार्यालय में अनुशासनहीनता और जनता की समस्याओं के प्रति उदासीनता दिखी। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि शासन की मंशा के अनुरूप प्रभावी और समयबद्ध सेवा देना विभागीय जिम्मेदारियों का अहम हिस्सा है।
नेताओं की चिट्ठीबाज़ी से पैदा हुआ भ्रम
हालांकि, सीएमओ की कार्यशैली को लेकर हाल ही में एक वायरल ऑडियो और विभागीय लापरवाही पर सवाल उठे थे, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, विधायक अरुण पाठक, और एमएलसी सुरेंद्र मैथानी ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर सीएमओ को पद से न हटाने की सिफारिश कर दी।

जनहित में सख्ती है ज़रूरी
इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि जिलाधिकारी जनहित में जवाबदेही तय करने की दिशा में गंभीर हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की नियमित उपस्थिति और पारदर्शी कार्यशैली ही विश्वसनीय शासन व्यवस्था की नींव रख सकती है।