एमएलसी अरुण पाठक की अध्यक्षता में हुई बैठक, मंधना भूमि विवाद पर समाधान की प्रक्रिया होगी तेज

रिपोर्ट – विवेक कृष्ण दीक्षित
कानपुर: करीब 15 वर्षों से लंबित मंधना भूमि अधिग्रहण विवाद के समाधान की दिशा में अब ठोस पहल शुरू हो गई है। बुधवार को सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अरुण पाठक की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें यूपीसीडा और उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ किसानों की समस्याओं पर गंभीर चर्चा की गई।

लंबित मामलों पर सरकार की प्राथमिकता
बैठक के दौरान यह तय किया गया कि 2009 से 2017 तक के बीच अधिग्रहित भूमि से संबंधित लंबित मामलों को योगी सरकार प्राथमिकता पर निपटाएगी। इस क्रम में यूपीसीडा ने घोषणा की कि एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा, जो सीधे किसानों से संवाद कर उनके मुआवजे व पुनर्वास से जुड़े मुद्दों पर व्यावहारिक समाधान खोजेगी।

ट्रांजिशन वर्ड: इसके अलावा,
अरुण पाठक ने बताया कि लखनऊ में पहले ही आवास आयुक्त और संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मंधना भूमि विवाद को अब और लंबा न खींचा जाए। इसके बावजूद जब एमएलसी ने यह सवाल उठाया कि इतने वर्षों में समाधान क्यों नहीं निकला, तो अधिकारी कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।

अब दोनों विभागों के अधिकारी क्षेत्र में जाकर किसानों से सीधा संवाद स्थापित करेंगे और शीघ्र समाधान की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। उल्लेखनीय है कि करीब 900 एकड़ भूमि का अधिग्रहण औद्योगिक विकास हेतु किया गया था, लेकिन वर्षों से किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका था।

ओवरलोडिंग और आरटीओ पर जताई चिंता
बैठक में एमएलसी अरुण पाठक ने कानपुर आरटीओ विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग के मामलों में विभाग द्वारा अनुचित चालान और अवैध वसूली की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। अतः उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ओवरलोडिंग के मानकों की फिर से स्पष्ट परिभाषा तय की जाए ताकि वाहन चालकों को अनावश्यक परेशान न किया जाए।