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पुडुचेरी स्थित अरुलमिगु मनाकुला विनयगर मंदिर: चमत्कार, आस्था और द्रविड़ वास्तुकला का अद्भुत संगम

भारत को देवभूमि कहा जाता है, और यही विशेषता इसे दुनियाभर में मंदिरों का देश बनाती है। ऐसा ही एक ऐतिहासिक, चमत्कारी और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समृद्ध मंदिर है अरुलमिगु मनाकुला विनयगर मंदिर, जो केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में स्थित है। यह मंदिर न केवल भगवान गणेश की उपस्थिति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी वास्तुकला, पौराणिक कथाओं और आस्था से जुड़ी कहानियों के लिए भी अत्यंत लोकप्रिय है।

मंदिर का नाम और अर्थ

तमिल भाषा में “मनल” का अर्थ होता है बालू (रेत) और “कुलन” का मतलब है सरोवर। पहले इस क्षेत्र में बालू की अधिकता थी, इसलिए भगवान गणेश की मूर्ति को “मनाकुला विनायगर” कहा जाने लगा, जिसका अर्थ हुआ – रेतीले सरोवर के पास विराजमान भगवान गणेश।

ऐतिहासिक महत्व और चमत्कार

इस मंदिर का इतिहास 500 वर्ष से भी पुराना है, जो फ्रांसीसी उपनिवेश काल से पहले का है। वर्ष 1688 के दौरान फ्रांसीसियों ने यहां एक किला बनवाया और भगवान गणेश की मूर्ति को समुद्र में फेंकने का प्रयास किया। किंतु हर बार वह मूर्ति चमत्कारिक रूप से पुनः अपने स्थान पर प्रकट हो जाती थी। यह देखकर फ्रांसीसी भी भगवान गणेश के भक्त बन गए और उन्होंने मंदिर में हस्तक्षेप करना बंद कर दिया।

👶 नवजात शिशुओं के लिए शुभ स्थान

लगभग 300 वर्ष पूर्व एक संत ने यहां समाधि ली थी। तभी से यह स्थान नवजात शिशुओं के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। कई भक्त अपने बच्चों के साथ यहां दर्शन के लिए आते हैं।

वास्तुकला और विशेषताएं

इस मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली में निर्मित है, जिसमें राजगोपुरम, मंडपम, और प्रहर प्रमुख हैं। मंदिर 7913 वर्ग फीट में फैला हुआ है। यहां 10 फीट ऊंचे भगवान गणेश के रथ “कोडी कम्बम” का निर्माण किया गया है, जिसमें लगभग 7.5 किलोग्राम सोने का उपयोग हुआ है। यह रथ भक्तों द्वारा दिए गए दान से बना है जिसकी कीमत लगभग ₹75 लाख मानी जाती है।

दीवारों पर भगवान गणेश के जन्म, विवाह, और अन्य प्रसंगों की सुंदर चित्रकारी की गई है। इसके अलावा, मंदिर में कुल 58 विभिन्न प्रकार की गणेश मूर्तियाँ स्थापित हैं।

लक्ष्मी हाथिनी का आशीर्वाद

मंदिर के बाहर एक लक्ष्मी नाम की हथिनी भक्तों को शाम 4 से 8 बजे तक आशीर्वाद देती है, जो यहाँ आने वाले बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष आकर्षण है।

मंदिर दर्शन का समय

  • प्रातः काल: 5:30 बजे से 11:00 बजे तक
  • सायं काल: 4:30 बजे से 9:00 बजे तक

कैसे पहुंचें

  • पुडुचेरी नए बस स्टैंड से दूरी: लगभग 4 किमी
  • विल्लुपुरम रेलवे स्टेशन से दूरी: लगभग 35 किमी
  • चेन्नई से सड़क मार्ग द्वारा दूरी: लगभग 135 किमी
  • चेन्नई, मदुरई, तंजावुर, त्रिची, कोयंबटूर व बेंगलुरु से नियमित बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।

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