
रिपोर्ट – शिवा शर्मा
कानपुर: उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर राज्य महिला आयोग द्वारा लगातार निगरानी और जन सुनवाई कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती अपर्णा यादव ने शुक्रवार को कानपुर के सर्किट हाउस में महिला उत्पीड़न संबंधी मामलों की समीक्षा बैठक की।

बैठक में विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। समीक्षा के दौरान महिलाओं से जुड़े उत्पीड़न, दहेज, यौन शोषण व अन्य संवेदनशील मामलों पर चर्चा की गई।
महिला अपराधों में आई कमी
मीडिया से बातचीत में श्रीमती अपर्णा यादव ने कहा कि “डबल इंजन की सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ महिलाओं को मिल रहा है।” उन्होंने बताया कि महिला आयोग की सक्रियता के कारण अब महिला उत्पीड़न मामलों का निस्तारण पहले की अपेक्षा अधिक तेज़ी से हो रहा है।

उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि “2018 तक उत्तर प्रदेश महिला अपराध में 9वें स्थान पर था, लेकिन अब स्थिति में सुधार आया है।” उन्होंने इस सकारात्मक परिवर्तन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया।
इन मामलों पर हुई सुनवाई
बैठक में जिन मामलों की सुनवाई की गई, उनमें शामिल हैं:
- महिला उत्पीड़न
- दहेज प्रताड़ना
- घरेलू हिंसा
- बलात्कार
- छेड़छाड़
- गर्भपात और कन्या भ्रूण हत्या
- एसिड अटैक
- मानव तस्करी
- बाल विवाह
- पुलिस उत्पीड़न

धर्म और आस्था पर भी रखी राय
इटावा में हाल ही में घटित एक पूजा स्थल विवाद पर पूछे गए सवाल के जवाब में अपर्णा यादव ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और हर नागरिक को अपनी आस्था और पूजा करने का अधिकार है। ऐसे मामलों में दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।