कानपुर स्मार्ट सिटी की हकीकत आई सामने, वार्ड 7 में सड़कें टूटीं, बारिश में जलजमाव, लोग बेहाल

रिपोर्ट – सुरेश सविता
कानपुर: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक नगर कानपुर में स्मार्ट सिटी मिशन के दावे अब जनता के सामने सवाल बनकर खड़े हैं। एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्मार्ट विकास का नारा बुलंद करते हैं, वहीं दूसरी ओर हल्की सी बारिश ने नगर निगम की कार्यप्रणाली की पोल खोल दी है।

विशेष तौर पर वार्ड संख्या 7 के निराला नगर क्षेत्र में स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि लोग घरों से निकलना भी मुश्किल समझ रहे हैं।
बारिश ने खोली अधूरे विकास की सच्चाई
हाल ही में मानसून की दूसरी ही बारिश में अम्बेडकर नगर काठ का पुल क्षेत्र की सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे और कीचड़ फैल गया। इस दौरान कई दोपहिया वाहन कीचड़ में फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए क्रेन तक बुलानी पड़ी।

हालांकि, जब स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत संबंधित ठेकेदार से की, तो उनका कहना था कि “सीवर लाइन डाली जा रही है, जिसके पूरा होते ही सड़क निर्माण कराया जाएगा।”
स्थानीय पार्षद पर भी उठे सवाल
क्षेत्रीय पार्षद अनिल यादव पर भी सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि क्षेत्र की जनता का आरोप है कि सीवर पाइप तो डाले गए, लेकिन सड़क निर्माण की सुध किसी ने नहीं ली। नतीजतन, ना सिर्फ स्थानीय लोग, बल्कि राहगीरों को भी रोजाना खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय लोगों ने जताई नाराजगी
जब हमारे रिपोर्टिंग चैनल UP Now की टीम ने मौके पर जाकर लोगों से बातचीत की, तो उनकी नाराजगी साफ झलक रही थी। एक स्थानीय नागरिक ने कहा:

“यह कैसा स्मार्ट सिटी विकास है, जो सिर्फ कागजों में दिखाई देता है? पार्षद से बात करो तो जवाब में सिर्फ भाषण मिलता है।”

सवालों के घेरे में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
यह मामला सिर्फ एक वार्ड तक सीमित नहीं है, पूरा दक्षिणी कानपुर इस समय सड़क खुदाई, अधूरे कामों और जलभराव जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। कई जगहों पर बिना किसी चेतावनी या सूचना के सड़कें खोद दी गई हैं और महीनों से अधूरी पड़ी हैं।
