
नई दिल्ली, History Of The Day 17 April : आज का दिन इतिहास में कई अहम घटनाओं का साक्षी रहा है। भारत और विश्व के इतिहास में 17 अप्रैल को राजनीतिक, सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टि से कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटित हुईं। आइए डालते हैं एक नज़र—
इंडोनेशिया के इतिहास में 17 अप्रैल के दिन को किसी बुरे सपने की तरह याद किया जाता है। वर्ष 1815 में 17 अप्रैल को इंडोनेशिया का तमबोरा ज्वालामुखी धमाके के साथ फटा। देश के सुमबवा द्वीप पर स्थित यह ज्वालामुखी सैकड़ों साल से शांत पड़ा था, लेकिन पांच अप्रैल को इसमें अचानक से कंपन होने लगा और 17 अप्रैल को इसमें भयंकर विस्फोट हुआ। इस घटना में करीब एक लाख लोग मारे गए थे।
भारतीय परिप्रेक्ष्य में 17 अप्रैल का दिन:
🔸 वास्को डी गामा की तीसरी भारत यात्रा (1524)
प्रसिद्ध पुर्तगाली खोजकर्ता वास्को डी गामा इस दिन अपनी तीसरी और अंतिम यात्रा पर भारत पहुँचे। उन्होंने गोवा में प्रवेश किया और पुर्तगाल के लिए समुद्री मार्ग के विस्तार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
🔸 1857: बहादुर शाह ज़फर का पतन
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बहादुर शाह ज़फर को मुगल सम्राट के पद से हटाया गया और उन्हें रंगून (अब यंगून, म्यांमार) निर्वासित कर दिया गया। यह घटना भारत में औपनिवेशिक युग की निर्णायक शुरुआत मानी जाती है।
🔸 1971: बांग्लादेश की अस्थायी सरकार ने भारत में ली शपथ
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान 17 अप्रैल को मुजीबनगर (भारत) में बांग्लादेश की अस्थायी सरकार ने शपथ ली। इस ऐतिहासिक घटना ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के मार्ग को और अधिक स्पष्ट कर दिया।
विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएँ :
🔹 1492: कोलंबस और रानी इज़ाबेला के बीच ऐतिहासिक समझौता
स्पेन की रानी इज़ाबेला और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस के बीच अमेरिका की खोज के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता आज ही के दिन हुआ था, जिसने “नई दुनिया” की ओर रास्ता खोला।
🔹 1961: क्यूबा पर ‘बे ऑफ पिग्स’ हमला
अमेरिका द्वारा समर्थित क्यूबा के विद्रोहियों ने फिदेल कास्त्रो की सरकार को गिराने के लिए आज ही के दिन हमला किया था, जो कि बुरी तरह विफल रहा।
🔹 1986: बेलीज को स्वतंत्रता प्राप्त
ब्रिटेन ने अपने आख़िरी वेस्ट इंडीज उपनिवेश बेलीज को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी।
17 अप्रैल को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति :
बाबूराव बागुल (1895) – मराठी दलित साहित्य के प्रखर लेखक, जिनकी रचनाएँ आज भी प्रासंगिक हैं।
प्रो. शोनकी नाथ झा (1929) – संस्कृत भाषा और साहित्य के क्षेत्र में प्रसिद्ध शिक्षाविद।
विक्रमजीत सिंह (1974) – भारतीय क्रिकेटर।
17 अप्रैल को निधन :
बेंजामिन फ्रैंकलिन (1790) – अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के नायक, वैज्ञानिक और राजनयिक।
सरिवू सुहार्तो (2011) – इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति।
(नोट: इतिहास केवल अतीत की कहानियाँ नहीं है, बल्कि आने वाले भविष्य के लिए सीख और प्रेरणा का स्रोत है। 17 अप्रैल जैसी तारीखें हमें यह याद दिलाती हैं कि एक दिन, एक निर्णय या एक घटना, इतिहास की दिशा को बदल सकती है।)