Holika Dahan 2025 Muhurt : होलिका दहन पर भद्रा काल ने बढ़ाई मुश्किल, जान ले पूजा का शुभ मुहूर्त और समय

Holika Dahan 2025 Muhurt : हर साल फाल्गुन पूर्णिमा की रात होलिका दहन करने की परंपरा है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च की रात को किया जाएगा। होलिका दहन का त्योहार बुराई की अच्छाई पर जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। वहीं, भारतीय नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को शुरू होता है। ऐसे में लोगों को जरूर ये चिंता होगी कि आखिर फाल्गुन पूर्णिमा की रात होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त
इस साल होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा, लेकिन भद्रा काल में होलिका दहन नहीं किया जाता। 13 मार्च को भद्रा पूंछ शाम 6 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा। ये रात 8 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इसके बाद भद्रा मुख का समय शुरू होगा जो रात 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। ऐसे में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात को 11 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगा। ये शुभ मुहूर्त रात के 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस साल होलिका दहन के लिए 1 घंटा 4 मिनट का समय मिलेगा।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
- भद्राकाल शुरू 13 मार्च रात 10 बजकर 2 मिनट पर।
- भद्राकाल समापन 13 मार्च रात 10 बजकर 37 मिनट पर।
- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त: 13 मार्च रात 11:26 मिनट के बाद।
- मध्य रात्रि में केवल 1 घंटा 4 मिनट का समय मिलेगा।
होलिका दहन पूजा
किसी सामूहिक स्थान पर लकड़ियों और उपलों से होलिका का निर्माण करें। होलिका के पास एक लकड़ी या डंडा स्थापित करें, जो होलिका का प्रतीक होता है। उसके बाद शुभ मुहूर्त में पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। होलिका को रोली और चावल का तिलक करें। फिर कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात बार लपेटें। फूल माला अर्पित करें। गुड़, बताशे, नारियल और गेहूं की बालियां होलिका को समर्पित करें। पानी से भरे लोटे से होलिका का अभिषेक करें। होलिका की तीन या सात परिक्रमा करें और सच्चे मन से अपनी इच्छा व्यक्त करें और प्रार्थना करें। होलिका दहन की पूजा के बाद होलिका में अग्नि प्रज्वलित करें। अग्नि में गेहूं की बालियां सेंककर प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. www.upnownews.com इसकी पुष्टि नहीं करता है)