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IIT कानपुर योग कार्यक्रम

रिपोर्ट – शिवा शर्मा

कानपुर, 6 जून 2025अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में IIT कानपुर में “पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए योग” विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर योग और नैचुरोपैथी के माध्यम से स्वस्थ जीवनशैली और पर्यावरणीय संतुलन के गहरे संबंधों पर चर्चा की गई।

दीप प्रज्वलन से हुई कार्यक्रम की शुरुआत 

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुई। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. (डॉ.) के. सत्य लक्ष्मी, निदेशक, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ नैचुरोपैथी (पुणे) ने सहभागिता की। उनके साथ प्रो. सुमन सौरभ (कार्यवाहक डीन स्टूडेंट्स अफेयर्स), श्री अतीकुर रहमान (डिप्टी रजिस्ट्रार), श्री डी.सी. मिश्रा और श्री एस.एल. यादव भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य और गतिविधियाँ
प्रो. सुमन सौरभ ने बताया कि संस्थान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 100-दिनों की काउंटडाउन श्रृंखला के अंतर्गत वॉकिंग, दो योग सत्र और एक व्याख्यान जैसे आयोजन कर चुका है। इसके पीछे उद्देश्य है– छात्रों व कर्मचारियों में योग के प्रति जागरूकता बढ़ाना।

इस दौरान मुख्य वक्ता डॉ. के. सत्य लक्ष्मी ने योग दिवस पर हो रहे 10 विशिष्ट कार्यक्रमों की जानकारी दी, जैसे योग अनप्लग्ड, योग प्रभाव और हरित योग। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों का मकसद योग की विविधता को उजागर करना और प्रकृति से उसके संबंध को सशक्त करना है।

नैचुरोपैथी की भूमिका पर विशेष जोर
डॉ. लक्ष्मी ने कहा, “भारतीय नैचुरोपैथी पद्धति ने आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। विश्वभर में कई देश इसे सीखने और अपनाने को इच्छुक हैं।” उन्होंने इस अवसर पर सभी से धीरे और जागरूकता के साथ योग अभ्यास करने की अपील की और बताया कि नैचुरोपैथी का मूल उद्देश्य शरीर की प्राकृतिक शुद्धि है।

कार्यक्रम के समापन से पहले उपस्थितजनों ने योग और नैचुरोपैथी से जुड़े प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर विशेषज्ञों ने विस्तार से दिया। यह कार्यक्रम यह दर्शाता है कि IIT कानपुर न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता बल्कि सामाजिक और स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली को भी प्रोत्साहित करने में अग्रणी है।


IIT कानपुर

वर्ष 1959 में स्थापित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है। यह संस्थान शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाता है। इसमें 19 विभाग और 26 शोध केंद्र हैं जो विज्ञान, इंजीनियरिंग, मानविकी और प्रबंधन में विश्वस्तरीय योगदान दे रहे हैं।

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