
रिपोर्ट – शिवा शर्मा
कानपुर – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर में सरोज चंद्रशेखर मेमोरियल अवार्ड समारोह 2025 का आयोजन किया गया। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जैव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला वैज्ञानिकों को दिया जाता है।

यह पुरस्कार प्रोफेसर सरोज चंद्रशेखर की स्मृति में प्रदान किया जाता है, जो तपेदिक (टीबी) पर अपने शोध के लिए जानी जाती थीं। बॉम्बे विश्वविद्यालय से बीएससी और लंदन के इंपीरियल कॉलेज से पीएचडी करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय और जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (अमेरिका) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया।
समारोह के मुख्य आकर्षण
इस अवसर पर, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक प्रो. सुजाता शर्मा (AIIMS दिल्ली) और डॉ. नगमा परवीन (IIT कानपुर) ने प्रेरणादायक व्याख्यान दिए। जहां प्रो. शर्मा ने संरचनात्मक जीवविज्ञान पर चर्चा की, वहीं डॉ. परवीन ने वायरस पर केंद्रित अपने शोध को साझा किया।
इसके अलावा, तीन उभरती हुई महिला शोधकर्ताओं को उनके उत्कृष्ट PhD शोध कार्य के लिए सम्मानित किया गया:
- योगिता कपूर (CSIR-CCMB, हैदराबाद) – तपेदिक बैक्टीरिया की वृद्धि और विभाजन पर शोध।
- हर्षा रानी (मणिपाल, इंस्टीट्यूट ऑफ बायोइन्फॉर्मेटिक्स एंड एप्लाइड बायोटेक्नोलॉजी) – कोलोरेक्टल कैंसर में p53 जीन की भूमिका।
- अंकिता मेनन (IIT पालक्कड़) – दवा और बायोमार्कर की पहचान करने वाले बायोसेंसर का विकास।
कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व
इस समारोह का उद्देश्य न केवल प्रोफेसर सरोज चंद्रशेखर के अद्वितीय योगदान को याद करना था, बल्कि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और उपलब्धियों को बढ़ावा देना भी था।

IIT कानपुर – नवाचार और उत्कृष्टता का केंद्र
वर्ष 1959 में स्थापित, IIT कानपुर को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्राप्त है। 1,050 एकड़ में फैले इस संस्थान में 19 विभाग, 26 अनुसंधान केंद्र, और विभिन्न अंतःविषय कार्यक्रम संचालित होते हैं। 9,500+ छात्रों और 590 से अधिक संकाय सदस्यों के साथ, यह संस्थान विज्ञान, इंजीनियरिंग और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।