पनकी महंत से अभद्रता पर भड़का जनाक्रोश, व्यापारियों ने बंद की दुकानें, सस्पेंशन की मांग पर अड़े भक्त

रिपोर्ट – शिवा शर्मा
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में धार्मिक आस्था से जुड़ा मामला उस समय बड़ा विवाद बन गया जब पनकी मंदिर के महंत श्री जितेंद्र दास के साथ एक चौकी इंचार्ज द्वारा कथित अभद्र व्यवहार किए जाने पर भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इसका असर इतना व्यापक हुआ कि व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और हजारों की संख्या में श्रद्धालु सड़कों पर उतर आए।

कैसे शुरू हुआ विवाद?
दरअसल, जनरलगंज से निकलने वाली भगवान श्री जगन्नाथ यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए विशेष पूजा की जा रही थी, जिसमें महंत श्री जितेंद्र दास भी शामिल हुए थे। उसी समय, बादशाहीनाका चौकी इंचार्ज सुरक्षा निरीक्षण के लिए मौके पर पहुंचे।

जानकारी के अनुसार, उन्होंने लाउडस्पीकर की आवाज धीमी करने का दबाव बनाया, जिस पर वहां मौजूद लोगों के साथ बहस शुरू हो गई। जब महंत ने मामले को शांत कराने का प्रयास किया, तो चौकी इंचार्ज ने उन्हीं से कथित रूप से अभद्रता कर दी। इसी को लेकर महंत धरने पर बैठ गए, जिसके बाद मामला गरमा गया।
देखते ही देखते बढ़ा विरोध
जैसे ही यह खबर फैली कि महंत धरने पर बैठ गए हैं, पूरे जनरलगंज और पनकी क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। कुछ ही समय में सैकड़ों श्रद्धालु मौके पर पहुंच गए और व्यापारियों ने दुकानों के शटर गिरा दिए।

इस विरोध को और बल मिला जब भाजपा के वरिष्ठ नेता सलिल विश्नोई और सपा विधायक अमिताभ बाजपेई समेत कई राजनीतिक दलों के नेता भी समर्थन में मौके पर पहुंचे। शाम तक विरोध प्रदर्शन ने बड़ा रूप ले लिया और भीड़ ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ प्रदर्शनकारियों ने आत्मदाह की चेतावनी तक दे दी।

क्या अब तक हुई कोई कार्रवाई?
शुक्रवार शाम तक, खबर लिखे जाने के समय तक कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया था। प्रदर्शनकारी स्पष्ट रूप से मांग कर रहे हैं कि जब तक आरोपी चौकी इंचार्ज को निलंबित नहीं किया जाता, तब तक भगवान श्री जगन्नाथ यात्रा को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।