1965 युद्ध के हीरो अब्दुल हमीद को जयंती पर श्रद्धांजलि, जिन्होंने अकेले ढेर किए थे पाकिस्तान के 12 टैंक

भारत के परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद अब्दुल हमीद की वीरता को आज भी देशवासी गर्व से याद करते हैं। 1965 की भारत-पाकिस्तान युद्ध में उन्होंने जो साहस और शौर्य दिखाया, वह भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। आज उनकी जयंती के अवसर पर पूरा देश उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन कर रहा है।
अकल्पनीय वीरता की मिसाल बने अब्दुल हमीद
वर्ष 1965 की भारत-पाकिस्तान जंग के दौरान जब पाकिस्तान ने आधुनिक अमेरिकी पैटन टैंकों के साथ हमला बोला था, तब अब्दुल हमीद ने साहस का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसे आज भी सैन्य इतिहास में मिसाल के रूप में देखा जाता है। उन्होंने सिर्फ एक गन माउंटेड जीप की सहायता से दुश्मन के 12 पैटन टैंकों को नष्ट कर दिया था।

हालांकि, इस अद्भुत वीरता के दौरान वे वीरगति को प्राप्त हुए। लेकिन उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया — उन्होंने भारतीय सेना के हौसले को नई ऊंचाई दी और दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
देशवासियों की ओर से श्रद्धांजलि
आज जब देश अब्दुल हमीद की जयंती (1 जुलाई) मना रहा है, तो हर कोना उनकी वीरता की गूंज से भर उठा है। स्कूल, कॉलेज, और सेना के विभिन्न ठिकानों पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी #AbdulHamidJayanti ट्रेंड कर रहा है।
परमवीर चक्र से हुई थी सम्मानित
उनकी वीरता को सर्वोच्च मान देते हुए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया। वे इस सम्मान को पाने वाले चुनिंदा वीर सैनिकों में से एक हैं।