कानपुर कोर्ट का फैसला: युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दो भाइयों को 14 साल बाद 5 साल की सजा

कानपुर कोर्ट का फैसला: आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने वाले दो भाइयों को 14 साल बाद मिली सजा
रिपोर्ट: विवेक कृष्ण दीक्षित
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में 14 साल पुराने एक संवेदनशील मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने युवती को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के दोष में दो सगे भाइयों को दोषी करार देते हुए 5-5 साल की सजा और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
क्या था पूरा मामला
यह मामला 8 दिसंबर 2010 का है। नरवल थाना क्षेत्र निवासी एक युवक ने पुलिस को बताया था कि उसकी बहन को गांव के ही दो युवक महेंद्र और सुरेंद्र बार-बार परेशान करते थे और उस पर शादी का दबाव बनाते थे। घटना वाले दिन आरोपी युवती के घर के सामने बैठकर छेड़खानी कर रहे थे, और विरोध करने पर धमकी भी दी।

प्रधान ने नहीं दिया साथ, उलटा डांटा
पीड़ित परिवार ने मामले की जानकारी गांव के तत्कालीन प्रधान मुन्ना सिंह उर्फ इंद्रभान को दी। लेकिन दुख की बात यह रही कि प्रधान ने आरोपियों का पक्ष लेते हुए उलटे पीड़िता को ही फटकार लगाई, जिससे आहत होकर युवती ने मिट्टी का तेल छिड़क कर खुद को आग के हवाले कर दिया। परिजन उसे तत्काल उर्सला अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
लंबा चला कानूनी संघर्ष
मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। ट्रायल के दौरान ग्राम प्रधान की मृत्यु हो गई, जिससे उनके खिलाफ मामला स्वतः समाप्त हो गया। केस की सुनवाई एडीजे-18 राकेश कुमार तिवारी की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष ने 8 गवाहों को कोर्ट में पेश किया, जिसके आधार पर कोर्ट ने महेंद्र और सुरेंद्र को दोषी करार दिया।

न्याय की प्रतीक्षा हुई पूरी
अदालत ने माना कि आरोपियों के व्यवहार और दबाव ने पीड़िता को मानसिक रूप से इतना कमजोर कर दिया कि उसने आत्मघाती कदम उठाया। अंततः 14 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद पीड़ित परिवार को न्याय मिला।