कानपुर नगर निगम विवादों पर शासन स्तर से जल्द होगा निर्णय, पार्षद संघ की मंत्री से वार्ता

रिपोर्ट – सुहैल अंसारी
कानपुर: नगर निगम से जुड़े पुराने और जटिल विवादों के समाधान की दिशा में अब सकारात्मक पहल होती दिखाई दे रही है। 16 जून 2025 को पार्षद वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक अमित पाण्डेय और अध्यक्ष नवीन पण्डित ने लखनऊ में नगर विकास मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा से भेंट कर नगर निगम से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

इसके बाद, कानपुर नगर निगम मुख्यालय स्थित सभागार कक्ष में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें नगर आयुक्त सुधीर कुमार, पार्षद संघ के प्रतिनिधियों और नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सहभागिता की। बैठक के दौरान “संभव पोर्टल” के माध्यम से वार्ता की गई, जिसमें मंत्री महोदय ने यह भरोसा दिलाया कि संबंधित मामलों में शासन स्तर पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।
किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
इस बैठक में तीन प्रमुख मुद्दे प्रमुखता से उठाए गए:
- विवाद समाधान में निष्पक्षता की मांग
पार्षद संघ ने इस बात पर आपत्ति जताई कि कानपुर मंडल आयुक्त, जो कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) के अध्यक्ष भी हैं, द्वारा लगातार विकास प्राधिकरण के पक्ष में निर्णय दिए जा रहे हैं। ऐसे में विवादों की निष्पक्ष सुनवाई के लिए किसी अन्य अधिकारी की नियुक्ति की मांग की गई है। - सीवेज फार्म की भूमि पर प्राधिकरण की परियोजनाएं
नगर निगम की 1200 एकड़ सीवेज फार्म भूमि को लेकर विवाद है। पार्षदों ने आरोप लगाया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद, KDA ने इस भूमि पर दो परियोजनाएं स्वीकृत कर दी हैं, जो पूरी तरह से न्यायिक आदेशों के विरुद्ध हैं। - कानपुर नगर निगम को सीमित अधिकार
पार्षद संघ ने यह भी कहा कि कानपुर जैसे ऐतिहासिक महानगर को अन्य नगर निगमों की तुलना में अधिकार नहीं दिए गए हैं। इससे शहर का विकास बाधित हो रहा है, जबकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के शहर निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।

नगर आयुक्त का पक्ष
बैठक में नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने नगर निगम की ओर से संबंधित विवादों पर स्पष्ट और तथ्यात्मक पक्ष रखा। उन्होंने मंत्री और प्रमुख सचिव को अवगत कराया कि कानपुर नगर निगम विकास के लिए लगातार प्रयासरत है, लेकिन प्राधिकरण के हस्तक्षेप और अधिकारों की कमी के कारण सीमित परिणाम ही प्राप्त हो पा रहे हैं।