सीएसजेएम यूनिवर्सिटी में मनाई गई छत्रपति शाहू जी महाराज की जयंती, कुलपति ने दी श्रद्धांजलि

रिपोर्ट – आरिफ मोहम्मद
कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएम) में शुक्रवार को संस्थान के नामधारी महापुरुष छत्रपति शाहू जी महाराज की जयंती बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में कई गरिमामय कार्यक्रम आयोजित किए गए।
सबसे पहले कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक एवं कुलसचिव राकेश कुमार ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। साथ ही, परिसर में मौजूद अधिकारी, शिक्षक, छात्र और कर्मचारीगण भी इस आयोजन में शामिल हुए और छत्रपति शाहू जी वाटिका में पुष्पांजलि अर्पित की।
समाज कल्याण के प्रतीक थे शाहू जी महाराज
इस मौके पर कुलपति प्रो. पाठक ने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज का जीवन समाज सेवा और शिक्षा के प्रचार-प्रसार को समर्पित रहा। उन्होंने वंचित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कई क्रांतिकारी निर्णय लिए और समाज में समानता स्थापित करने की दिशा में कार्य किया।

उन्होंने आगे कहा, “शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने ऐसे संस्थान स्थापित किए, जिनका उद्देश्य था—समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करना।” कुलपति ने यह भी बताया कि सीएसजेएम यूनिवर्सिटी लगातार उनके बताए रास्ते पर चलते हुए शिक्षा और सामाजिक उत्थान के कार्यों में संलग्न है।
कुलसचिव ने बताया ‘राजर्षि’ की उपाधि का महत्व
कुलसचिव राकेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा, “छत्रपति शाहू जी महाराज को उनके सामाजिक योगदानों के कारण ‘राजर्षि’ की उपाधि प्रदान की गई थी। उन्होंने न केवल शासन को जनसेवा का माध्यम बनाया, बल्कि शिक्षा को समाज की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में आगे बढ़ाया।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि विश्वविद्यालय का निरंतर प्रयास है कि शिक्षा की रोशनी समाज के हर तबके तक पहुंचे, जिससे कोई भी नागरिक अशिक्षा के अंधकार में न रहे।
सद्भाव और समर्पण का संदेश
समारोह के अंत में सभी ने यह संकल्प लिया कि वे छत्रपति शाहू जी महाराज के दिखाए मार्ग पर चलकर समाज के लिए सकारात्मक कार्य करते रहेंगे। यह आयोजन न केवल एक श्रद्धांजलि था, बल्कि सद्भाव, समानता और शिक्षा के मूल्यों को पुनः याद करने का भी अवसर बना।