
रिपोर्ट – मोहित बाथम
कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जनपद में आठ वर्षीय मासूम बच्ची की हत्या के मामले में अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। भोगनीपुर थाना क्षेत्र के पिपरी गांव में हुए इस हत्याकांड में अदालत ने मात्र 10 माह 13 दिन में सुनवाई पूरी कर आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में पहली मृत्युदंड की सजा मानी जा रही है।
घटना की पृष्ठभूमि
घटना 23 जुलाई 2024 को हुई थी, जब आरोपी दीपू पुत्र मुन्नूलाल (निवासी मुरली का पुरवा, थाना दिबियापुर, औरैया) ने घरेलू विवाद के चलते धारदार हथियार से हमला कर काव्या (8 वर्ष) की हत्या कर दी थी और परिवार के अन्य छह सदस्यों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
एफआईआर और पुलिस जांच
इस मामले में वादी विनोद कुमार की शिकायत पर भोगनीपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त बांका (हथियार) भी बरामद कर लिया था। जांच के दौरान ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत इस केस की निगरानी विशेष रूप से की गई।

अदालती कार्यवाही और फैसला
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट, चिकित्सकीय प्रमाण, और चश्मदीद गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत के समक्ष एक सशक्त पक्ष प्रस्तुत किया।
न्यायाधीश एडीजे-06 की अदालत ने आरोपी को भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1), 109(1), 118(1), और 115 के तहत दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड और ₹15 लाख 30 हजार रुपये का आर्थिक दंड सुनाया।