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उत्तर प्रदेश कानून व्यवस्था

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने कानून व्यवस्था को और सशक्त एवं प्रभावी बनाने के लिए अपनी सक्रिय कार्यशैली की शुरुआत कर दी है। इसी क्रम में रविवार को उन्होंने 33 पीपीएस अधिकारियों से बैठक कर प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर करने की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की।

इस महत्वपूर्ण बैठक में डीजीपी राजीव कृष्ण ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने कार्यों में पारदर्शिता और तत्परता लाएं ताकि आम जनता को न्याय और सुरक्षा का भरोसा मिल सके।

ब्रिफिंग को बताया अहम

बैठक के दौरान डीजीपी ने कहा कि “कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए समय-समय पर की जाने वाली ब्रीफिंग अत्यंत आवश्यक है। इससे न केवल अफसरों की जिम्मेदारियां स्पष्ट होती हैं, बल्कि वे अपने दायित्वों को प्रभावी ढंग से निभा सकते हैं।”

फॉरेंसिक और साइबर टीम को मिले निर्देश

राजीव कृष्ण ने फॉरेंसिक साइंस और साइबर क्राइम से जुड़ी तकनीकी दक्षता को अपराधों की जांच में सहायक बताते हुए इन टीमों को और अधिक सक्रिय और प्रशिक्षित रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि तकनीकी साक्ष्य आज अपराधों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

जनशिकायतों पर समयबद्ध कार्रवाई अनिवार्य

डीजीपी ने विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि जनशिकायतों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि जब आम नागरिक की समस्याएं समय पर हल होंगी, तभी पुलिस के प्रति विश्वास और सम्मान बना रहेगा।

प्रभावी प्रशासन की दिशा में कदम

इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य अधिकारियों को उनके कार्यों में सुधार के लिए प्रेरित करना और प्रदेश में उत्तर प्रदेश कानून व्यवस्था को और मजबूत करना था। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना था कि अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा और तत्परता के साथ करें।

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