
कानपुर के दो निजी स्कूलों पर फीस अनियमितता को लेकर ₹1 लाख का अर्थदंड, जिलाधिकारी ने दिए सख्त निर्देश
कानपुर।
कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में गठित जनपदीय शुल्क नियामक समिति ने उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम 2018 के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर सुघर सिंह एकेडमी और दी चिन्ट्लस स्कूल पर ₹1-1 लाख का जुर्माना लगाया है। यह निर्णय 24 मई को हुई समिति की बैठक के पश्चात लिया गया।
📚 क्यों लगा जुर्माना?
शिकायतें मिली थीं कि कुछ निजी स्कूल मनमानी फीस वसूलने के साथ ही छात्रों को विशेष दुकानों से पाठ्यपुस्तकें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं। इसी सिलसिले में हुई जांच में पाया गया कि:
- सुघर सिंह एकेडमी, कोयला नगर द्वारा अधिनियम 2018 के बिंदु 3(4), 3(7), और 4(1) के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया।
- दी चिन्ट्लस स्कूल, रतनलाल नगर द्वारा अधिनियम के बिंदु 3(4), 3(5), और 3(10) का उल्लंघन पाया गया, जिसमें छात्रों को विशेष दुकान ‘फेयर डील बुक स्टॉल’ से किताबें खरीदने के लिए निर्देशित किया गया था।
🧾 अधिनियम में क्या है प्रावधान?
- बिंदु 3(4): प्रत्येक शैक्षणिक सत्र से पहले शुल्क विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
- बिंदु 3(7): समुचित प्राधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार की अतिरिक्त शुल्क वसूली निषिद्ध है।
- बिंदु 4(1): फीस वृद्धि की सीमा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और शिक्षकों के वेतन वृद्धि से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- बिंदु 3(10): छात्र किसी विशिष्ट दुकान से वस्त्र, पुस्तकें आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं किए जा सकते।
⚖️ समिति का निर्णय
समिति ने दोनों संस्थानों को दोषी मानते हुए निर्देश दिए हैं कि वे:
- छात्रों से वसूली गई अतिरिक्त फीस को वापस करें।
- ₹1 लाख का जुर्माना जिला विद्यालय निरीक्षक के पदनाम से संचालित बैंक खाते में एक सप्ताह के भीतर जमा करें।
🧐 आगे की कार्यवाही
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया कि आगे भी यदि किसी स्कूल द्वारा अधिनियम के नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम शिक्षा में पारदर्शिता और अभिभावकों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।