
हमीरपुर (उत्तर प्रदेश)
मोटापे की समस्या और उससे उपजे मानसिक तनाव ने एक युवती की जान ले ली। जिले के मौदहा कस्बे की रहने वाली 28 वर्षीय साल्वी गुप्ता ने बुधवार रात अपने घर की छत पर खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने यह कदम लंबे समय से चली आ रही डिप्रेशन की स्थिति में उठाया।
इस हृदयविदारक घटना से परिवार में कोहराम मच गया है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक जांच शुरू की। युवती द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में उसने भावुक शब्दों में लिखा – “पापा मम्मी, मैं हार गई हूं… आप सब बहुत ध्यान रखते हो लेकिन मैं खुद से नहीं जीत पा रही हूं…”
मोटापे से जूझती रही साल्वी, बनी उपहास का कारण
परिवार के अनुसार, साल्वी गुप्ता का वजन लगभग 90 किलो था, जबकि लंबाई मात्र 5 फीट थी। इस वजह से उसे चलने-फिरने में कठिनाई होती थी। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह था कि स्कूल में शिक्षक होने के बावजूद, बच्चे और सहकर्मी भी उसके वजन का मजाक उड़ाते थे, जिससे उसका मानसिक संतुलन प्रभावित हुआ।
हालांकि, परिजन उसकी स्थिति को लेकर चिंतित थे और उसे एक निजी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम पर भी लगवाया था, ताकि वह सामान्य जीवन जी सके। लेकिन तानों और उपेक्षा ने उसे और अधिक डिप्रेशन में डाल दिया।
पुलिस जांच में जुटी, सुसाइड नोट कब्जे में
घटना की जानकारी मिलते ही सीओ मौदहा विनीता पहल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचीं। मृतका के पिता सुनील गुप्ता की ओर से थाने में सूचना दर्ज कराई गई, जिसके आधार पर पुलिस ने विधिक कार्यवाही शुरू करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
सुसाइड नोट को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है और घटना के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य की उपेक्षा बन सकती है जानलेवा
यह घटना समाज को एक गंभीर संदेश देती है कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। विशेष रूप से मोटापा जैसी स्वास्थ्य स्थितियों से जूझ रहे लोगों को सामाजिक समर्थन, सहानुभूति और सकारात्मक वातावरण की अत्यधिक आवश्यकता होती है।