साइबर ठगी का शिकार हुआ युवक, पुलिस ने 9 दिन में लौटाई ₹1.34 लाख की रकम, लौटाई मुस्कान

कानपुर देहात में साइबर ठगी का शिकार युवक, पुलिस ने 9 दिन में ₹1.34 लाख की रकम करवाई वापस
रिपोर्ट: मोहित बाथम
तेजी से बढ़ती डिजिटल तकनीक के साथ साइबर ठगी के मामलों में भी इज़ाफा हो रहा है, लेकिन जागरूकता और त्वरित पुलिस कार्रवाई इनसे बचाव का मजबूत उपाय बन रही है। कानपुर देहात के राजपुर कस्बे में रहने वाले आशीष अवस्थी के साथ एक ऐसा ही मामला सामने आया, जब उनके खाते से साइबर ठगों ने ₹1,40,998 रुपए उड़ा लिए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि पुलिस की सक्रियता के चलते 9 दिन में ₹1,34,098 की राशि वापस दिला दी गई, जिससे पीड़ित के चेहरे पर दोबारा मुस्कान लौट आई।
ऐसे दिया गया ठगी की वारदात को अंजाम
यह घटना 30 जनवरी 2025 को उस समय हुई जब पीड़ित आशीष अवस्थी के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को किसी तकनीकी सहायता सेवा का प्रतिनिधि बताया और एक विशेष मोबाइल ऐप डाउनलोड करने को कहा। इसके बाद, उसने स्क्रीन शेयर करने के लिए कहा, जिसे आशीष ने बिना किसी संदेह के स्वीकार कर लिया। कुछ ही मिनटों में उनके खाते से भारी भरकम रकम गायब हो गई।
फौरन किया 1930 पर कॉल, पुलिस ने शुरू की कार्रवाई

जैसे ही आशीष को ठगी का एहसास हुआ, उन्होंने इमरजेंसी साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराई। राजपुर थानाध्यक्ष कालीचरन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की। उन्होंने बताया कि बैंक और साइबर सेल के सहयोग से 9 दिन के भीतर ₹1,34,098 रुपए पीड़ित के खाते में वापस करवा दिए गए हैं।
जनता को दी गई सतर्कता की सलाह
थानाध्यक्ष ने कहा, “ऐसे मामलों से निपटने के लिए सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है। अगर कोई भी संदिग्ध कॉल या मैसेज आए, तो उसमें अपनी बैंकिंग या निजी जानकारी साझा न करें। किसी भी संदेह की स्थिति में तुरंत 1930 या नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।”