शहर व राज्य
Trending

कानपुर में पालतू कुत्ते का रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार, मानवता की मिसाल बनी गब्बर सिंह की विदाई

रिपोर्ट – शिवा शर्मा 

कानपुर में पालतू कुत्ते का हुआ पूरे रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार, भावुक हुआ पूरा परिवार

कहते हैं, “इंसान न होता तो मानवता न होती।” यह कथन उस समय जीवंत हो उठा जब कानपुर में एक परिवार ने अपने पालतू कुत्ते गब्बर सिंह को परिवार के सदस्य की तरह अंतिम विदाई दी। यह दृश्य न केवल भावनात्मक था, बल्कि समाज के लिए एक गहरा संदेश भी छोड़ गया—कि सच्चा प्रेम और अपनापन सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं होता।

भैरव घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

कानपुर निवासी युवराज ने अपने पालतू कुत्ते के निधन के बाद पूरी हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार उसकी अंतिम यात्रा निकाली और भैरव घाट पर विधिवत उसका दाह संस्कार किया। इस अवसर पर मौजूद लोगों की आंखें नम थीं और सभी ने इसे मानवता की मिसाल के रूप में देखा।

गब्बर सिंह: एक नाम, एक भूमिका

युवराज ने बताया कि उनके कुत्ते का जन्म 21 मार्च 2015 को हुआ था और उसका नाम बड़े प्रेम से गब्बर सिंह रखा गया। वह केवल पालतू जानवर नहीं था, बल्कि पूरे परिवार का अभिन्न हिस्सा था। गब्बर सिंह न सिर्फ घर की सुरक्षा करता था, बल्कि मोहल्ले में भी सक्रिय रहता था। रात के समय हल्की सी आहट पर भी वह सबको सतर्क कर देता था।

तेरहवीं तक निभाए जाएंगे सभी संस्कार

युवराज ने यह भी साझा किया कि केवल दाह संस्कार ही नहीं, बल्कि आगे भी सभी वैदिक परंपराओं का पालन किया जाएगा। तीन दिन लोटा रखने के बाद तेरहवीं का आयोजन किया जाएगा, जिससे गब्बर सिंह की आत्मा को शांति मिले और वह अगले जन्म में उत्तम जीवन प्राप्त करे।

मानवता का अद्वितीय उदाहरण

इस पूरे घटनाक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि प्रेम और भावनाएं जात-पात, भाषा या प्रजाति की मोहताज नहीं होतीं। यह कार्य सिर्फ एक कुत्ते के लिए नहीं, बल्कि हर उस रिश्ते के लिए सम्मान का प्रतीक है जो दिल से जुड़ा होता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button