
लखनऊ/गोरखपुर।
उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में कार्यरत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्मदिवस (5 जून) पर आज प्रदेशभर में शुभकामनाओं की बाढ़ सी आ गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लेकर राजनीतिक गलियारों तक हर ओर बधाइयों का सिलसिला जारी है। इस मौके पर पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दीं, वहीं मुख्यमंत्री योगी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश को और अधिक प्रगतिशील बनाने का संकल्प दोहराया।
योगी आदित्यनाथ का जन्म और प्रारंभिक जीवन
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को पंचूर गांव, पौड़ी गढ़वाल (तब उत्तर प्रदेश, अब उत्तराखंड) में अजय मोहन सिंह बिष्ट के रूप में हुआ था। वे एक गढ़वाली राजपूत परिवार से हैं। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट वन विभाग में रेंजर थे। वे कुल सात भाई-बहनों में दूसरे स्थान पर हैं।
🔱 संन्यास की राह से राजनीति की ओर
बहुत कम उम्र से ही योगी आदित्यनाथ सामाजिक आंदोलनों और सेवा कार्यों में सक्रिय रहे। 22 वर्ष की उम्र में उन्होंने गृहस्थ जीवन त्याग कर सन्यास धारण कर लिया। वे गोरक्षपीठ के महंत और महान संत महंत अवैद्यनाथ के शिष्य बने। सन्यास के बाद उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश में जनजागरण अभियान शुरू किया और समानता व समरसता के लिए हर वर्ग के साथ मिलकर कार्य किया।
राजनीतिक सफर की शुरुआत से मुख्यमंत्री बनने तक
- 1998: पहली बार गोरखपुर लोकसभा सीट से सांसद बने।
- 1999–2014: लगातार पांच बार सांसद चुने गए, विभिन्न संसदीय समितियों में रहे सदस्य।
- 2017: यूपी विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
- 2022: गोरखपुर शहर से विधायक निर्वाचित होकर लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।
साहित्य व संगठन निर्माण में भी योगदान
योगी आदित्यनाथ केवल राजनीतिज्ञ ही नहीं, बल्कि एक लेखक और संपादक भी हैं। वे साप्ताहिक पत्रिका ‘योगवाणी’ के मुख्य संपादक हैं। साथ ही, उन्होंने ‘हिंदू युवा वाहिनी’ नामक संगठन की स्थापना भी की है, जो युवाओं को सामाजिक और राष्ट्रसेवा से जोड़ने का कार्य करता है।
उपलब्धियां और विशेषताएं
- सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर कार्य करने वाले यूपी नेता बने।
- यूपी को गुणवत्ता वाली सड़कों, महिलाओं की सुरक्षा, निवेश और कानून-व्यवस्था में नया मुकाम दिलाया।
- प्रदेश को ‘एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ की दिशा में आगे बढ़ाने का विजन पेश किया।